
बिलासपुर से स्नेहा ब्लॉग :- छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित रतनपुर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह स्थान देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा के लिए जाना जाता है और यहाँ की देवी को भक्तों द्वारा विशेष श्रद्धा के साथ पूजा जाता है।
रहस्य और मान्यताएँ:
- इतिहास: रतनपुर का इतिहास प्राचीन है और इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है। यहाँ की देवी माता की पूजा का एक लंबा इतिहास है, जो स्थानीय लोगों के लिए आस्था का स्रोत है।
- मंदिर का निर्माण: कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा रतनदेव ने किया था। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
- चमत्कारिक शक्तियाँ: भक्तों का मानना है कि देवी माता के पास चमत्कारिक शक्तियाँ हैं। कई लोग यहाँ अपनी मनोकामनाएँ लेकर आते हैं और मानते हैं कि देवी माता उनकी इच्छाओं को पूरा करती हैं।
- विशेष पूजा और उत्सव: नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। इस दौरान देवी माता की विशेष आरती और भोग अर्पित किया जाता है।
- स्थानीय किंवदंतियाँ: रतनपुर देवी माता से जुड़ी कई किंवदंतियाँ और लोककथाएँ प्रचलित हैं, जो इस स्थान की पवित्रता और महत्व को दर्शाती हैं।
- भक्तों का आस्था केंद्र: रतनपुर वाली देवी माता का मंदिर भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र है, जहाँ लोग अपनी समस्याओं का समाधान और मानसिक शांति के लिए आते हैं।

रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंध गिरने की मान्यता है, जो इसे एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ बनाती है। यह स्थान छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित है और यहाँ भक्तों की बड़ी संख्या नवरात्रि के दौरान आती है। मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथाएँ इसे और भी विशेष बनाती हैं। ### रतनपुर का महत्व
- शक्तिपीठ: रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंध गिरा था, जिससे यह शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। इसे भगवान शिव द्वारा कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया गया था।
- मंदिर का इतिहास: आदिशक्ति मां महामाया देवी मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा 11वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी के स्वरूपों को समर्पित है।
नवरात्रि उत्सव
- विशेष पूजा: नवरात्रि के दौरान यहाँ भव्य समारोह और विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। भक्त पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं और देवी के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।
- मनोकामना ज्योति कलश: इस अवसर पर श्रद्धालु 30,000 से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करते हैं, जो यहाँ की धार्मिक आस्था को दर्शाता है।
यात्रा की जानकारी
- समय: महामाया देवी मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुलता है। त्योहारों और विशेष अवसरों पर समय में परिवर्तन हो सकता है।
- कैसे पहुंचे:
- हवाई मार्ग: बिलासपुर चकरभाठा हवाई अड्डा सबसे नजदीकी है, जो रतनपुर से 56 किमी दूर है।
- रेल मार्ग: बिलासपुर रेलवे स्टेशन से रतनपुर की दूरी 33 किमी है।
- सड़क मार्ग: राज्य परिवहन निगम की बस सेवाएं रतनपुर तक उपलब्ध हैं।
रतनपुर का यह शक्तिपीठ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और आस्था का भी प्रतीक है। यहाँ की यात्रा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।